शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अवैध खनन के मामलों तथा कुछ दिन पहले अवैध खनन के कारण एक दलित गरीब मायाराम की दुखद मृत्यु के बाद आज तक न ही इंसाफ मिला है और न ही दोषियों पर कार्रवाई हुई है। हालाँकि, हाल ही में मैंने इसी संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक, बस्ती जोन उ.प्र. को आग्रहपूर्वक पत्र लिखकर उक्त प्रकरण में थानाध्यक्ष ढ़ेबरुआ, उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ और खनन अधिकारियों में से किसे दोषी माना गया है और उनलोगों के विरुद्ध क्या कोई कार्रवाई की गई है या नहीं? साथ ही कौन-कौन दोषियों को इस केस में जेल भेजा गया है? उसका साक्ष्यों सहित तिथिवार सूचना उपलब्ध कराने को कहा था।लेकिन आज तक इस मामले में न तो पुलिस कप्तान सिद्धार्थनगर और ना ही पुलिस महानिरीक्षक बस्ती मंडल के यहाँ से किसी तरह की कोई सूचना दी गई है।
उसी क्रम में आज पुनः लखनऊ में प्रमुख सचिव गृह (उत्तर प्रदेश सरकार) दीपक कुमार जी से मिलकर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने तथा इस पूरे प्रकरण में निष्पक्ष जाँच कराकर दोषियों को सजा दिलाने हेतु लिखित पत्र सौंपा है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि मेरे इस अनुरोध पत्र को त्वरित संज्ञान में लेकर प्रमुख सचिव (गृह ) जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करायेंगे जिसके बाद माननीय मुख्यमंत्री जी के निदेशानुसार उनको वस्तुस्थिति से अवगत करा पाऊँगा।अन्यथा एक सप्ताह के भीतर अगर कोई भी कार्रवाई सुनिश्चित नहीं होती है तो
विधानसभा में इस विषय को उठाना मेरी मजबूरी होगी।और इन सब के लिए प्रशासन ज़िम्मेदार होगा