एंकर-सिद्धार्थनगर जिले के बीएसए , बी ई ओ और बीएसए कार्यालय में तैनात अन्य दो बाबुओं पर सदर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। बीएसए देवेंद्र कुमार पांडे , बीईओ कुंवर विक्रम पांडे कनिष्ठ लिपिक मुकुल मिश्रा और लिपिक शिवसागर चौबे पर 419 420 467 468 471 120 बी 201 की धाराओं में यह मुकदमा फर्जी तरीके से स्कूलों को मान्यता दिलाने, फ़र्ज़ी नियुक्तियां कर वेतन भुगतान करने वाले कर्मचारियों को संरक्षण देने के आरोप में दर्ज किया गया है। संतकबीर नगर जिले के बेलवा गांव निवासी विनोद प्रताप सिंह के लगाए गए आरोपों की एसटीएफ द्वारा जांच के बाद पुष्टि होने पर यह मुकदमा पंजीकृत किया गया।
फर्जीवाड़े का यह मामला 2021 का है वादी विनोद प्रताप सिंह द्वारा कराए गए FIR के अनुसार सिद्धार्थनगर जिले के 2021 में तत्कालीन बीएससी राम सिंह ने 10 फरवरी 2021 को जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर, शिक्षा निदेशक बस्ती, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक गोरखपुर को पत्र लिखकर उर्दू शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले और नियुक्ति पत्र को गायब करने की आशंका व्यक्त करते हुए जांच की मांग की थी। इसी मामले में तत्कालीन बीएससी राम सिंह ने 30 नवंबर 2021 को एक और पत्र लिखकर कुछ विद्यालयों के मान्यता उनके फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी नियुक्तियां कर वेतन भुगतान करने की बात कहते हुए जांच की मांग की। वादी विनोद प्रताप सिंह के अनुसार जब उन्हें इस जालसाजी की जानकारी हुई तो उन्होंने भी इस प्रकरण की जांच उच्च अधिकारियों से कराने की मांग शुरू की जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो उन्होंने मौजूदा बीएसए देवेंद्र कुमार पांडे की इस मामले में संदिग्ध भूमिका की भी जांच को लेकर शिकायती पत्र आईजीआरएस पर अपलोड कर दिया और मौजूदा बी एस ए देवेंद्र कुमार पांडे द्वारा दोषी बाबुओं के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई न करने और जाल साजों के साथ मिलकर पत्रावलियों को गायब करने की आशंका व्यक्त करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक एसटीएफ से भी इस की शिकायत की। एसटीएफ ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए इसकी जांच की और विनोद प्रताप सिंह द्वारा लगाए गए आरोपी को सही पाया। इसके बाद इस मामले में इन सभी चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया।
इस मामले में पुलिस कप्तान प्राची सिंह ने बताया कि बीएसए देवेंद्र कुमार पांडे, बीईओ कुमार विक्रम पांडे लिपिक मुकुल मिश्रा और शिवसागर चौबे के खिलाफ सदर थाने में 419 420 467 468 471 120 बी 201 की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है और इसकी विवेचना क्राइम ब्रांच को सौपी गई है। पुलिस कप्तान ने बताया कि विवेचना प्रचलित है आगे की कार्रवाई विवेचना के बाद की जाएगी।