मनरेगा बहाल ग्राम प्रधान खुशहाल

मनरेगा बहाल ग्राम प्रधान खुशहाल

सिद्धार्थनगर भनवापुर विकास खण्ड मे मनरेगा कार्यों मे जमकर लूटखसोट का मामला सामने आया है जहाँ एक तरफ सरकार ग्रामीण अंचलों मे गरीब परिवार को 100 दिन की श्रमिक भुगतान करने को लेकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों के विकास के लिए कार्य देती है लाखों करोड़ों रुपए ग्राम पंचायत के विकास के लिए सरकारी धन का आंवटन होता है जिससे ग्राम पंचायतों का विकास हो सके जिसको लेकर डीएम व सीडीओ के द्वारा लगातार खण्ड विकास अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी समय समय पर होती है जिससे ग्राम पंचायतों का विकास हो सके जिससे मनरेगा श्रमिकों को उनके वर्ष के 100 दिन के काम भी मिल जाये और ग्राम पंचायत का विकास भी होता रहेगा लेकिन यहाँ सरकारी योजनाओं को ऐसे पलीता लगाया जाता है जहाँ विकास के नाम पर जमकर सरकारी धन का दोहन होता नजर आ रहा है वहीं भनवापुर विकास खण्ड के गदाखौवा मे 16 दिसंबर से भिवरा समय माता के स्थान के दक्षिण जंगी के खेत तक कृषि मार्ग कार्य दिखाया जा रहा है जबकि जिस कार्य का फोटो मास्टर रोल पर अपलोड किया गया है वह पुरानी फोटो लगाकर सरकारी धन का लूटखसोट करने मे लगे है जबकि वहाँ मौके पर एक भी लेवर मौजूद नहीं मिले तथा उस चकरोड के दोनों तरफ गेहूं की बुवाई किया गया है जो लगभग 20 दिन के करीब हो गये है वहीं दूसरी आइडी जो लगायी गयी है वहाँ भी कोई नहीं मिला अगर ग्राम प्रधान के द्वारा लगाये श्रमिकों की जो आकडा वर्तमान मनरेगा श्रमिकों की बात करें तो 109 मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी 25070 रूपये हुए जबकि इस कार्य पर लगभग 09 दिन से कार्य किया जा रहा 225630 (दो लाख पच्चीस हजार छा सौ तीस रूपये) का लगभग फर्जी भुगतान कराने के फिराक में ग्राम प्रधान है अगर ऐसे ग्राम पंचायतों का सही तरीके से जांच किया जाये तो लाखों रुपए के फर्जी भुगतान गमन राज खुलेगा जब इसके बारे में बीडीओ आलोक दत्त उपाध्याय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मै कल उसे दिखवाता हूँ

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