सिद्धार्थनगर… जिले के भनवापुर विकास खण्ड के भरवठिया मुस्तहकम मे ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक के मिलीभगत से गरीब परिवारों के हक पर डांका डाला जा रहा है मनरेगा श्रमिकों को जब उन्हें ग्राम पंचायत स्तरो पर कोई कार्य नहीं मिलता है तो शहरों की तरफ पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है लेकिन यहाँ तो ग्राम पंचायत स्तरो पर अपनी जेब भरने मे लगे है ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक ग्रामीण क्षेत्रों मे जहाँ केंद्र सरकार गरीब परिवारों के भरणपोषण के लिए अनेक योजनाएं का क्रियान्वयन करती है लेकिन यहाँ तो कुछ अलग ही दिखाई देता है सरकार की योजनाएं सिर्फ ग्राम पंचायत व ब्लॉक स्तरो पर फाइलों मे दबकर रह जाती है फिर विकास किस आधार पर होगा जहाँ मनरेगा श्रमिकों को 100 दिन का रोजगार देने की दावा सरकार करती है लेकिन स्थिति कुछ और है जहाँ श्रमिकों से काम होना था वहां जेसीबी मशीन के माध्यम से करा लिया जाता है फिर गरीब परिवारों को रोजगार कहा से मिलेगा जब इसकी सूचना एपीओ अब्दुल कयूम को दिया गया तो उन्होंने बताया कि कल मै जांच करने जरूर जाऊंगा लेकिन जांच प्रक्रिया मे आज तक सिर्फ खानापूर्ति ही देखी गयीं जहाँ सिर्फ विकास कागजो मे दिखाई देता है अगर ग्राम पंचायत स्तरो पर विभागीय अधिकारियों की जांच किया जाये तो भ्रष्टाचार की लंबी चिट्ठा खुलकर सामने आयेगी चाहे ग्राम पंचायत स्तरो पर सामुदायिक शौचालय हो जहाँ लाखों रुपए से बना सामुदायिक शौचालय खण्डहर है लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ रही है जब प्रयोग मे लाना ही नहीं था फिर सरकार के धन का बंदरबाट क्यों किया गया