फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी, विभागीय अधिकारियों की लीपापोती
सिद्धार्थनगर जिले के इटवा विकासखंड के अंतर्गत एक सफाई कर्मचारी के द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हथियाना का मामला सामने आया है जिसको लेकर के आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा जनसूचना के द्वारा सफाई कर्मचारी की स्थानांतरण प्रमाण पत्र की माग किया था वहीं विभाग के माध्यम से एक जन सूचना की मांग की जिसको लेकर के जिला पंचायत राज्य अधिकारी के द्वारा सफाई कर्मचारी की दस्तावेज आरटीआई कार्यकर्ता को उपलब्ध कराया गया आरटीआई कार्यकर्ता ने उस दस्तावेज को जिस विद्यालय का स्थानांतरण प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हथियाना का मामला सामने आया था उसे विद्यालय से उसकी जांच कराते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय को भेज दिया विद्यालय के अभिलेख में उक्त सफाई कर्मचारी का नाम दर्ज नहीं था जो फर्जी स्थानांतरण प्रमाण पत्र लगाकर सफाई कर्मचारी की नियुक्ति हथियाना में कामयाब रहा जिसको लेकर के जिला पंचायत राज्य अधिकारी के द्वारा अपने स्तर से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक पत्र जारी करते हुए उक्त सफाई कर्मचारी की दस्तावेज की जांच कराई गई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से खंड शिक्षा अधिकारी भनवापुर तथा उक्त विद्यालय के माध्यम से स्थानांतरण प्रमाण पत्र जांच कराया गया जहां विद्यालयी अभिलेख के अनुसार विद्यालय के प्रधानाध्यापक के द्वारा उक्त स्थानांतरण प्रमाण पत्र को फर्जी करार देते हुए विभाग को सौंप दिया इसके उपरांत जिला पंचायत राज्य अधिकारी के द्वारा उक्त सफाई कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया जो पूरी तरह से फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रहा सफाई कर्मचारी आज भी इटवा ब्लाक में कार्यरत है जब पूरी तरीके से विभाग के माध्यम से उसे फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हथियाना का जो मामला सामने आया आज तक जिला पंचायत राज अधिकारी के द्वारा जो चार महीना बीत जाने के बाद भी उसे अर्ध वेतन पर कार्यरत किए है सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया में लंबा खेल खेलते हुए नौकरी हथियाने में कामयाब रहा सरकार के नियमों की अवहेलना करते हुए सफाई कर्मचारी की नियुक्ति में कामयाब रहा इसके बाद भी आज तक उसके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई जब इसके बारे में अपर जिला पंचायत राज अधिकारी से पूछा गया कि उक्त सफाई कर्मचारी को 4 महीना से अर्ध वेतन पर रखा गया है आखिर उसके ऊपर अभी तक क्या कार्रवाई हुआ वहीं अपर जिला पंचायत अधिकारी के द्वारा बताया गया कि अभी मैं जिलाधिकारी की मीटिंग में हूं लेकिन यहां तो सबसे बड़ी खेल यह है कि जब पूरी तरह से जांच प्रक्रिया हो गया फिर विभागीय अधिकारियों की लीपापोती क्यों किया जा रहा है अब देखना यह होगा कि उक्त सफाई कर्मचारी पर क्या कार्यवाही होगी