पत्नी प्रधान तो पती बना रोजगार सेवक
सिद्धार्थनगर.. भनवापुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत परसोहिया सदानंद मे मनरेगा कार्यों मे काफी गोलमाल किया जा रहा है जहाँ फर्जी मनरेगा श्रमिकों का नाम फर्जी डालकर भुगतान किया जा रहा है सरकार के द्वारा ऐसे महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पलीता लगाया जा रहा है जहाँ एक तरफ सरकार गरीब परिवारों को 100 दिन का काम देने का वादा करती है तो दूसरी तरफ मनरेगा श्रमिकों के हक पर डांका डालने का काम किया जा रहा है सरकार लाख कोशिश कर ले कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत लोगों को काम मिले लेकिन यहाँ तो कुछ अलग ही माहौल है रोजगार सेवक की नियुक्ति संदीप तिवारी को किया गया है लेकिन यहाँ तो प्रधान पति अपनी आईडी पासवर्ड से अपने गांव की मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी लगाते दिखाई दे रहे हैं जब अपने ही गांव की हाजिरी लगानी है फिर भ्रष्टाचार शायद कम हो यह सबसे बड़ी सोचने वाली बात है कि आज तक ऐसे ग्राम पंचायत के ऊपर ग्राम पंचायत सचिव की नजर क्यों नहीं पड़ी जब उक्त ग्राम पंचायत मे रोजगार सेवक से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि हम कोई हाजिरी नहीं लगाये है जबकि प्रधान पति भी रोजगार सेवक के पद पर कार्य कर रहे हैं इसलिए स्वयं अपने गांव की हाजिरी लगाने मे चूकते नहीं है जब खण्ड विकास अधिकारी भनवापुर आलोक दत्त उपाध्याय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जांच कर कार्यवाही की जायेगी अगर सही तरीकों से ग्राम प्रधान के कार्यों की जांच हुई तो भ्रष्टाचार की संलिप्तता सबसे अधिक दिखाई देगी