सिद्धार्थनगर – विकास खण्ड भनवापुर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत मुड़िला मिश्र में मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाई जा रही हैं। आप को बता दें सरकार के द्वारा चलाई गई राष्ट्रीय ग्रामीण मनरेगा गारंटी योजना कहने को तो भले ही गरीबो के लिए बरदान कहीं जाने वाली योजना बनायी जा रही है। लेकिन भ्रष्टाचार के चलते गरीबों को मनरेगा योजना का लाभ ना मिलकर ग्राम प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक फर्जी तरीके से हाजिरी लगाकर गरीबों के हक को गमन करके तिजोरी भरने का काम कर रहे हैं। एक ऐसा मामला ग्राम पंचायत मुड़िला मिश्र में देखने को मिला रहा है।जहां एक साथ दो साइड पर 59 श्रमिक आनलाइन काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि चक रोड़ के दोनों तरफ फसलें दिखाई दे रहा है। ,तथा घासफूस चकरोड से हटाया जा रहा है जब काम पूरा हो गया है,तो फिर मनरेगा मजदूर क्यों आनलाइन काम कर रहे हैं। अब सोचनें वाली बात है भ्रष्टाचारियों द्वारा फर्जी हाजिरी लगाकर अपनी तिजोरी भरनें का पूरा पूरा प्रयास कर रहे हैं। आखिर कब तक फर्जी हाजिरी लगाकर कब-तक मोंटी रकम निकाली जाती रहेंगी। ग्राम पंचायत मुडिला मिश्र में अगर देखी जाए तो ऐसे बहुत से काम मिल जाएंगे जिससे जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। बहुत से ऐसे काम होंगे जिसमें जमकर सरकारी धन का बन्दर बांट किया गया है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है की भ्रष्टाचारियों को किसी भी हालत में बक्सा नहीं जाएगा, फिर भी भनवापुर ब्लाक के की ग्राम पंचायत मुड़िला मिश्र में हो रहें भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगता दिखाई दे रहा है। आखिर इस तरह से कब तक भ्रष्टाचार होता रहेगा अब देखने वाली बात होगी की खण्ड विकास अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी जब इस तरह से जब भ्रष्टाचार फलता-फूलता रहेगा फिर विकास का आधार क्या होगा जहां चकरोड की घासफूस साफ कर कृषि मार्ग कार्य दिखाकर भुगतान कराने के फिराक में ग्राम प्रधान लगे हैं तो दूसरी तरफ खण्ड विकास अधिकारी क्यों ऐसे ग्राम पंचायत को नजर अंदाज कर रहे हैं किसके संरक्षण में ऐसे भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है
जब इसके बारे में बीडीओ आलोक दत्त उपाध्याय से पूछा गया तो तो उन्होंने जांच करने की बात कही क्यों कि सबसे बड़ी सोचने वाली बात होगी चकरोड के दोनों तरफ फसलें दिखाई दे रही है सिर्फ अपने चहेतों का फोटो खींच कर आनलाइन हाजिरी लगायी जा रही है