भनवापुर ब्लाक के मुड़िला मिश्र में भ्रष्टाचार नहीं होगा शायद बंद
सिद्धार्थनगर भनवापुर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत मुड़िला मिश्र में ग्राम प्रधान सचिव के मिली भगत से ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है जहां एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार मनरेगा योजना को लेकर गरीब परिवारों तक ग्राम पंचायत स्तर पर नई-नई योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहती है तो दूसरी तरफ ग्राम प्रधान के द्वारा चकरोड पर जो मिट्टी पटाई का कार्य दिखाया गया और मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति फर्जी लगाई जा रही है जब मौके पर ग्राम पंचायत का कार्य देखा गया तो पता चला कि यहां सिर्फ घासफूस साफ सफाई कर लाखों रूपए के गोलमाल के चक्कर मे ग्राम प्रधान है काम तो शायद दिखावा साबित हो रहा है क्योंकि कि ग्राम पंचायतों का निरीक्षण शायद सचिव व तकनीकी सहायक कभी करते ही नहीं है सिर्फ ब्लाकों पर बैठ कर एमबी रिपोर्ट तैयार होता है मनरेगा श्रमिकों के द्वारा क्या काम होता है या नहीं किसी से कोई मतलब नही है यह सिलसिला ऐसे चलता रहेगा फिर विकास का आधार शून्य होगा जब इस ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था तब इसकी सूचना बीडीओ भनवापुर को अवगत कराया गया था
बीडीओ भनवापुर आलोक दत्त उपाध्याय ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर जो काम ग्राम प्रधान के द्वारा चकरोड पर श्रमिकों द्वारा मिट्टी पटाई का कार्य कराया गया है निरीक्षण किया जायेगा अगर काम नहीं हुआ तो जीरो कर दिया जायेगा
जहां मनरेगा एक्ट के अनुसार 100 दिन का रोजगार श्रमिकों को सरकार उपलब्ध करा रही हैं फिर उन श्रमिकों का क्या होगा जो सरकार के लिए उन गरीब परिवारों के लिए सरकार ने योजनाएं बनाई है ग्राम पंचायतों में निरीक्षण के दौरान कार्य शून्य कर देना ग्राम पंचायत का विकास तो नहीं होगा या फिर ग्राम प्रधान के द्वारा दुबारा ऐसा नहीं होगा कोई प्रमाणिकता तो नहीं है इसलिए निरीक्षण के बाद जो कार्य गलत हुआ है ऐसे कार्यों पर कार्यवाही होना जरूरी है